रिछा/बहेड़ी। बरेली में स्थित संघटक राजकीय महाविद्यालय में पूज्य स्वामी विवेकानंद जी की 161वी जन्म जयंती का आयोजन “राष्ट्रीय युवा दिवस” के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व एवम दार्शनिक चिंतन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ महाविद्यालय के आदरणीय प्राचार्य डॉ के.के. तिवारी जी ने स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवम दीप प्रज्ज्वलन कर के किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सहायक आचार्यों ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के प्रेरणाप्रद विचारों को विद्यार्थियों के सम्मुख साझा किया तथा प्राचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का आज के विद्यार्थियों, युवाओं के लिए जो मूल मंत्र दिया “उत्तिष्ठत जागृत प्रपन्निबोधत” अर्थात उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति करो।
आज सभी युवाओं को ऐसे मूल मंत्र मानकर इसे आत्मसाथ करके अपने जीवन और चरित्र का निर्माण करना चाहिए। विवेकाकानंद जी चार प्रमुख बातो पर विशेष जोर देते थे, ध्यान, धर्म, शक्ति और सेवा। वर्तमान समय में देश के युवा शक्ति को इन चारों वा विंदुओ को मंत्र मान कर अपने चरित्र का निर्माण करना चाहिए, जब देश की युवा शक्ति चरित्रवान, शक्ति संपन्न होगी भारत अपने आप विश्वशक्ति , विश्वगुरु के रूप में स्थापित हो जायेगा।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी आचार्यगण, विभिन्न संकायों के छात्र , छात्रा, ऑफिस स्टाफ तथा कर्मचारी गण उपस्थित रहे। सभी के प्रति प्राचार्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया।